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अंगारक योग

by CKadmin

व्यक्ति की जन्म कुंडली में बैठे ग्रहों की स्थिति से उसकी ज़िन्दगी में होने वाली घटनाओं का पता लगाया जा सकता है। कभी कभी दो या दो से अधिक ग्रह मिल कर किसी योग का निर्माण करते हैं जिस का प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव और जीवन में पड़ता है।

जब कुंडली में राहु या केतु में से किसी एक के साथ अथवा दृष्टि से मंगल ग्रह का सम्बन्ध बनता है तब अंगारक योग का निर्माण होता है। जैसा की नाम से ही पता चल रहा है अंगारक मतलब अग्नि। इस योग के बनने पर व्यक्ति क्रोधी, हिंसक, आक्रामक, और नकारात्मक सोच वाला बनता है। लाल किताब में इस योग को पागल हाथी या बिगड़ा शेर का नाम दिया गया है। इस योग के ज्यादा ख़राब होने पर जातक अपराधी बनता है, तथा अवैध कार्यों में लिप्त हो कर कारावास को भोगता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति की दुर्घटना होने की संभावना होती है। अंगारक योग वाले व्यक्ति को वैवाहित जीवन में भी बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

अगर राहु, केतु और मंगल की स्थिति शुभ हो तो जातक सहयोगी होता है और उसको सरकारी पद पर नियुक्ति मिलती है। ऐसा जातक अपने परिश्रम से नाम और पैसा दोनों कमाता है।

अंगारक योग के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए जातक को निम्न उपाय करने चाहिए: –

–    मंगलवार का व्रत रखें

–    हनुमान जी की आराधना करें

–    कुत्तों को मीठी रोटी दें

–    राहु ग्रह की शांति के लिए हवन करवायें

–    चांदी धारण करें

–    भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की आराधना करें

–    मंदिर में रोज़ दीपक जलायें 

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