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टैरो कार्ड

by CKadmin

ज्योतिष का नाम सुनते ही जन्म कुंडली, हस्त रेखा या अंक ज्योतिष के बारे में ही ध्यान आता है। आधुनिक युग में इन सभी विद्याओं का साथ देने के लिए टैरो कार्ड नामक विद्या सम्मिलत होगयीहै।इस विद्या का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। सेल्टिक नाम के देश में इस की शुरुआत हुई थी।इन कार्ड्स का इस्तेमालइटली में मनोरंजन के रूप में किया जाता था। इस के बाद इंग्लैंड और फ्रांस में इस विद्या को सही स्थान मिला। वर्तमान समय में भारत मेंटैरो कार्ड का प्रचलन बहुत बढ़ गया है।

टैरो में 78 कार्ड्स होते है।इन में 22 कार्ड्स बहुत ही महत्वपूर्ण होते है बाकी सब सामान्य कार्ड्स होते है। महत्वपूर्ण कार्ड्स में कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक दोनों ही प्रकार के कार्ड्स होते है। टैरो कार्ड के ऊपर रंग, अंक, संकेत और पंच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) दर्शाए हुए होते है, जिन से व्यक्ति के भविष्य का पता लगाया जा सकता है।

इस विद्या में प्रश्नकर्ता 3 कार्ड्स का चयन करता हैं। टैरो कार्ड रीडर इन तीनों कार्ड्स की मदद से ही प्रश्नकर्ता के प्रश्न का उत्तर देता हैं। कहते है पहला कार्ड प्रश्नकर्ता केमन की स्थिति बताता है, दूसरा कार्ड उसकी इच्छाओं की पूर्ति होगी या नहीं उस का आभास करवाता है और तीसरा कार्ड प्रश्न का पूरा उत्तर देता है और बताता है कि आपकी समस्या का विराम अभी है या नहीं।  

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