Home ज्योतिष ज्ञानअंक शास्त्र अंक ज्योतिष

अंक ज्योतिष

by CKadmin

अंकों की अपनी ही एक अद्भुत व रहस्यमयी दुनियां है। अंक ज्योतिष में अंकों के साथ ज्योतिष सिद्धान्तों को जोड़ा जाता है।
सम्पूर्ण अंक शास्त्र 1 से ले कर 9 अंकों में सिमटा हुआ है। गणितशास्त्र के नियम अंक शास्त्र से भिन्न हैं। जिसप्रकार गणितशास्त्र में अंकों के स्थानीय मान का महत्व है वैसा अंक शास्त्र में नहीं है। अंक ज्योतिष में प्रत्येक संख्या को जोड़कर एक अंक पर केंद्रित किया जाता है। अर्थात गणित में संख्या चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो अंक शास्त्र में उस संख्या को तब तक जोड़ा जाता है जब तक वह संख्या 1 से 9 तक किसी अंक का रूप ना ले।
उदाहरण के लिए 319 एक सँख्या है, जिसे जोड़कर 3+1+9=13 प्राप्त होता है। फिर 13 को पुनः जोड़कर 1+3=4, जहाँ 4 एक अकेला अंक है।

अंक शास्त्र का प्रत्येक अंक स्वयं में अद्धभुत है। हर अंक की अपनी कुछ विशेषताएँ हैं। जैसे अंक 9 को पूर्णता का अंक माना जाता है, क्योंकि 9 को किसी भी अंक से गुना करो अंत में उसका जोड़ 9 ही आता है। 9 अंक का चमत्कार इस बात से भी देखा जा सकता है कि कौरव-पांडव के युद्ध में 18 अक्षौहिणी सेना थी, 18 दिन युद्ध चला, इस युद्ध में 18 पर्व लिखे और श्री श्रीकृष्ण ने जो ज्ञान अर्जुन को दिया वो भी 18 अध्यायों का था।

जातक की जन्मतिथि का मूलांक, भाग्यांक और उसका नामांक व्यक्ति के जीवन, उस के चरित्र, स्वास्थ्य, परिवार, आर्थिक स्थिति, आय-व्यय और भाग्य आदि को उजागर करता है।

जन्म के दिनांक को मूलांक कहते है, अगर जन्म का दिनांक २ अंकों की एक संख्या में हो तो अंक ज्योतिष के मूल सिद्धांत के अनुसार दोनों अंकों को जोड़ कर एक अंक बना दिया जाता है उदहारण के लिए अगर जन्म का दिनांक 11 है तो मूलांक 1+1=2 बनता है।

इसी प्रकार भाग्यांक को निकालने के लिए जन्म दिनांक, जन्म का माह और जन्म के वर्ष को जोड़ा जाता है।

1 से ले कर 9 तक प्रत्येक अंक का कोई ना कोई ग्रह प्रतिनिधि होता है।

सूर्य अंक 1 का प्रतिनिधित्व करता हैं। मूलांक १ अंक वाले जातक स्वाभिमानी, बड़े अधिकारी, ईमानदार, कुशल नेतृत्व, महत्वकांक्षी होते हैं।

चंद्र अंक 2 का प्रतिनिधित्व करता हैं। मूलांक २ अंक वाले जातक स्वभाव से कोमल, भावुक, कल्पनाशील, रचनात्मक होते हैं।

बृहस्पति अंक 3 का प्रतिनिधित्व करताहैं। मूलांक ३ अंक वाले जातक स्वभाव से स्वतंत्रता प्रिय, साहसी, बुद्धिमान, अविचल होते हैं।

राहु अंक 4 का प्रतिनिधित्व करता हैं। मूलांक ४ अंक वाले जातक स्वभाव से क्रान्तिकारी, राजनीतिज्ञ, घमंडी, अहंकारी और हठी होते हैं।

बुद्ध अंक 5 का प्रतिनिधित्व करता हैं। मूलांक ५ अंक वाले जातक स्वभाव से ज्ञानी, बुद्धिमान, कर्मशील, अच्छे व्यापारी होते हैं।

शुक्र अंक 6 का प्रतिनिधित्व करता हैं। मूलांक ६ अंक वाले जातक स्वभाव से शांतिप्रिय, कला प्रेमी, प्रभाशाली, सौन्दर्य के प्रति आकर्षित होते हैं।

केतु अंक 7 का प्रतिनिधित्व करता हैं। मूलांक ७ अंक वाले जातक स्वभाव से विचारशील, असामान्य व्यक्तित्व वाले, यात्रा को उत्सुक होते हैं।

शनि अंक 8 का प्रतिनिधित्व करता हैं। मूलांक 8 अंक वाले जातक स्वभाव से गंभीर, शांत, क्रोधी, एकांतशील होते हैं।

मंगल अंक 9 का प्रतिनिधित्व करता हैं। मूलांक 9 अंक वाले जातक स्वभाव से उत्साहित, ऊर्जावान, अनुशासन प्रिय, क्रोधी होते हैं।

0 comment

Related Articles