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एक रहस्य – राहु ग्रह

by CKadmin
राहु ग्रह का नाम सुनते ही इन्सान के जीवन में आये कष्ट, परेशानी, रुकावट, भय, हानि का स्मरण होता है। राहु ग्रह को पापी व क्रूर ग्रह के रूप में देखा जाता है। राहु के स्वभाव को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है। राहु हमेशा अचानक चौंका देने वाले परिणाम दिया करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि राहु हमेशा नुकसान ही करते हैं। कुंडली में अच्छी स्थिति पर बैठे राहु जातक की किस्मत को चमका देते हैं। राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति धन और तीव्र बुद्धि का स्वामी बनता है। राहु जातक को अक्सर परंपरागत तरीके से काम नहीं करने देते लेकिन फिर भी राहु के शुभ प्रभाव के कारण जातक को अच्छे किए गए कार्यों का फल अनुकूल ही मिलता है। अक्सर ऐसे जातक को लाटरी, सट्टेबाजी या शेयर मार्किट से फ़ायदा मिलता है। राहु नवीनता का घोतक व नए अविष्कारों का प्रतिक माना गया है इसलिए राहु ग्रह के शुभ प्रभाव में होने से जातक एक अच्छा शोधकर्ता भी बनता है। राहु एक छाया ग्रह हैं इसलिए राहु ग्रह की अपनी कोई राशि नहीं होती है। राहु को दक्षिण पश्चिम दिशा का स्वामी माना गया है। मिथुन राशि में राहु उच्च का प्रभाव देते हैं जबकि धनु राशि में नीच देते हैं। राहु की महादशा का समय 18 वर्ष होता है। राहु के परिणाम अनुकूल पाने के लिए जातक को मंदिर में साफ़-सफ़ाई करनी चाहिए। शनिवार वाले दिन चिट्टियों को काले तिल खिलाने चाहिए। राहु माता सरस्वती को अपनी ईष्ट देवी मानते हैं, इसलिए माता सरस्वती की आराधना करने से भी राहु प्रसन्न होते हैं।

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