इस कलयुग में धन कमाना और जोड़ कर रखना कौन नहीं चाहता है? इस बात से भी कोई अनजान नहीं है किआर्थिक संकटों को दूर करने के लिए एक मात्र उपाय है धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना। यूँ तो माता को प्रसन्न करने के लिए बहुत प्रकार की पूजा औरमंत्रों का विधान है, परन्तु इन में सब से आसन और सुगम तरीका है घर में श्री यन्त्र की स्थापना करना और उस की नियमित पूजा, आराधना करना। श्री यन्त्र माता को अति प्रिय है। जिस घर में श्री यन्त्र की स्थापना होती है उस घर में माता का सदा वास रहता हैं।
एक पौराणिक कथा अनुसार, एक बार माता लक्ष्मी भूलोक से नाराज़ हो कर बैकुंठ धाम चली गयी। उनके जाने से पृथ्वी में हाहाकार मच गया। पृथ्वीवासी दरिद्र, दीन-हीन, असहाय हो गए। तबमहाऋषि वशिष्ठ जी ने माता लक्ष्मी को वापस भूलोक में आने की प्रार्थना की, परन्तु माता नहीं मानी।तब देव गुरु बृहस्पति जी ने श्री यन्त्र का निर्माण किया और उसको पृथ्वी में स्थापित किया। जिस से प्रसन्न हो कर माता लक्ष्मी कोस्वयंपृथ्वी पर आना पड़ा।
इस यन्त्र में 9 त्रिकोण होते है जिसे भगवान शिव के 9 मूल प्रक्रतियों के रूप में देखा जाता हैं। 9 त्रिकोण से मिलकर 45 त्रिभुज बनते है जो 45 देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक यन्त्र में कुल9 चक्र होते है जो 9 देवियों का प्रतीक माना जाता हैं। यहयन्त्रइतना शक्तिशाली है, इस का पता इस बात से चलता है की इस यन्त्र की स्थापना से ना केवल व्यक्ति को धन का अभाव कभी नहीं होता, अपितु व्यक्तिको मानसिक शांति और एकाग्रता का अनुभव भी होता हैं। इस की नियमित रूप से पूजा करने से घर में चल रही पुरानी बीमारी दूर होती है और समस्त रोगों का नाश होता है।