क्या सिर्फ पैसा होने से जीवन सकारात्मक हो सकता है? अगर ऐसा होता तो केवल अमीर लोग ही खुश होते। पैसा होना जीवन के लिए जरुरी है, परन्तु सकारात्मक जीवन के लिए सिर्फ पैसाऔर प्रसिद्धिकीज़रूरतनहीं होती।नकारात्मक सोच निराशावाद और नाकामी की ओर ले जाती है वहीँ सकारात्मक सोच हमको सफलता की तरफ अग्रसर करतीहैं।सकारात्मकविचारोंके लिए समस्याओं पर नहीं बल्कि समाधान पर ध्यान देने की ज़रूरत है।वर्तमान में जीने की कला और भूतकाल की गलतियों से सीखना हमारीसकारात्मकता को जन्म देती है।
सकारात्मक जीवन के लिए कुछ वास्तुटिप्स: –
- घर में बनी सीढियों के नीचे शौचालय नहीं बनाना चाहिए।
- घर में खुला आंगन होने से बर्कत होती है।
- नए घर बनाने से पूर्व नींव में चांदी की ईंट दबायें।
- मुख्य द्वार पर अंधेरा नहीं होना चाहिए।
- पूर्वदिशामें तुलसी का पौधाहोनाचाहिए।
- घर के मंदिर में सुबह और शाम को नित्य दीप-धूप करनी चाहिए।
- घर में कम से कम हफ्ते में एक दिन नमक के पानी से पोछा लगाने से घर की नकारात्मकता दूर होती है।
- घर में बेकार कीऔर टूटी-फूटी चीज़े नहीं रखनी चाहिए।
- शौचालय और रसोई का दरवाज़ा आमने सामने नहीं होना चाहिए।
- बच्चों में अध्ययन कक्ष में हमेशा रोशनी होनी चाहिए।
- कांटेदार वृक्ष घर में नहीं रखने चाहिए।
- घर के मुख्य द्वार पर बेल नहीं होनीचाहिए।
- घर के सभी हिस्सों पर सूर्य की किरण पढनी चाहिए।
- घर में कचरा जमा नहीं होने देना चाहिए।
- जूते घर के बाहर निकाल कर ही घर में प्रवेश करना चाहिए।