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मेष राशि

by CKadmin

मेष राशि के स्वामी मंगल है जिनका तत्व अग्नि है, जिस कारण मेष राशि वाले जातक काफी उर्जावान होते हैं। ग्रहों में मंगल ग्रह सेनापति माना जाता है, यही स्वभाव मेष राशि वाले व्यक्तियों के व्यक्तित्व में देखा जाता है। मेष राशि का प्रतिक चिन्ह मेंढा है, जो इनके जुझारू होने के लक्षण को प्रकट करता है। ऐसे जातक बहुत ही महत्वाकांक्षी होते हैं और हर कार्यों को करने के लिए उत्साहित रहते हैं। प्रारंभिक जीवन में थोडा संघर्ष जरुर रहता है। मेष राशि के जातक सीधे और ईमानदार होते हैं। इनका स्पष्टवादी व्यवहार इनको कभी कभी किसी मुसीबत में भी फंसा देता है। इनको अपने जीवन में किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं होता है। यह बहुत ही निष्ठावान होते हैं, किसी काम का जिम्मा उठाते है तो उस को पूरा जरुर करते हैं। मेष राशि वालों को अपनी क्षमताओं का ज्ञान नहीं होता, उनके ज्ञान और गुणों को जब कोई जगाता है तब वो जागते हैं।

मेष राशि में सूर्य देव को उच्च का माना गया है और शनि देव इस राशि में नीच के माने जाते है। मेष को पुरुष राशि और क्षत्रिय वर्ण से संबोधित किया जाता है। दिशा में पूर्व दिशा है। शरीर के अंगों में मेष राशि को सिर बोला गया है।  यह भावुक होते हैं, इसलिए हर क्रिया की प्रतिक्रिया जरुर देते हैं। यदि कोई काम लम्बे समय तक चलने वाला हो तो ऐसे कार्यों में ये ज्यादातर नाकाम होते हैं क्योंकि इनका मन एक जगह पर नहीं रुकता है। इनकी एक बुरी आदत होती है कि यह अपनी हार का इल्ज़ाम दूसरों पर लगा देते हैं। मेष राशि वाले व्यक्तियों की एक अच्छी बात यह है कि यह लोग अपनी निराशा और गुस्से को बहुत जल्दी भूल जाते हैं।

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