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मूलांक 2

by CKadmin

जैसा कि हम जानते हैं प्रत्येक अंक की अपनी एक अलग ऊर्जा, आवर्ति व तरंगदैर्ध्यता होती है। इस आधार पर अंक 2 को अंकशास्त्र में बहुत कोमल व सौम्य माना गया है। इसका प्रतिनिधित्व चंद्र ग्रह करते हैं। इसीलिए अंक 2 चन्द्रमा के समान ठंडा, शांत, मनोहर व शीतल माना जाता है। चंद्रमा को ज्योतिषशास्त्र में मन का कारक माना जाता है। चंद्रमा नवग्रह मंडल में सर्वाधिक गति से चलायमान है। उसी आधार पर अंक 2 को जातक की मन की प्रवर्ति का कारक माना जाता है। मन की गति व कल्पना की गहराई की कोई सीमा नहीं है। यह अंक भावुकता व संवेदनशीलता को दर्शाता है। किसी माह की 2, 11, 20 अथवा 29 तारीख को जन्में जातकों का मूलांक 2 होता है। मूलांक 2 वाले जातक बहुत ही भावुक, उच्च कल्पलनाशक्ति व कोमल हृदय के होते हैं। ये लोग कला के क्षेत्र में भी अनोखी प्रतिभा के स्वामी होते हैं। मूलांक 2 वाले जातक प्रायः अपने आस पास वाले लोगों के साथ बहुत जल्दी जुड़ जाते हैं व उन्हें कभी किसी प्रकार का दुख नहीं देना चाहते। इसी उधेड़बुन के चलते ये लोग जल्दी से कोई निर्णय नहीं ले पाते। ये लोग भले ही सुंदर न हों, परन्तु इनकी मुखकांति चन्द्रमा के समान आकर्षक होती है। चन्द्र ग्रह के प्रभाव के कारण मूलांक 2 वाले जातकों पर अमावस्या व पूर्णिमा की तिथियों का विशेष प्रभाव रहता है। व्यवसाय या कार्यस्थल की बात आती है तो मूलांक 2 वाले भावनाओं के चलते व्यापार में ज्यादा सफल नहीं हो पाते। ये लोग अधिकतर नौकरी या किसी कलाक्षेत्र जैसे संगीत, लेखन, नृत्य आदि में अधिक कुशल व सफल रहते हैं।

मूलांक 2 वाले जातक अंक 2 के शुभ फल प्राप्त करने के लिए निम्न उपाय करें:-

– माता के चरण स्पर्श कर आर्शीवाद लें।

-माता का सम्मान करें।

-यथासम्भव चांदी के आभूषण धारण करें।

-चांदी का चकोर टुकड़ा अपने पास रखें।

-किसी शुभ कार्य पर जाने से पहले जल पी कर जाएं।

-किसी शुभ कार्य से पहले घर में जलकुम्भ की स्थापना करें।

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