Home आध्यात्म श्रीकृष्ण का नाम रण छोड़ कैसे पड़ा

श्रीकृष्ण का नाम रण छोड़ कैसे पड़ा

by CKadmin

भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण कोबहुतनामों से जाना जाता हैं, जैसे माखन चोर, कान्हा, गोविंदा, बांके बिहारी, गोपाल,जनार्धन, माधवआदि।महाभारत जैसे युद्ध में पांडवों को बिना हथियार उठाये युद्ध जिताने वाले श्री कृष्ण को रणछोड़ के नाम से भी जाना जाता है।

पौराणिक कथा अनुसार एक बार मगधराज महाबली जरासंध ने श्री कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा।इस युद्ध में कालयवन नामक एक राजा ने जरासंध का साथ दिया। कालयवन को भगवान शंकर का वरदान था कि उसका ना तो चन्द्र वंशी और ना ही सूर्य वंशी कुछ बिगाड़ पायेंगें, उसे ना तो कोई हथियार खरोच सकता है और ना ही कोई उसे अपने बल से हरा सकता है।

भगवान श्री कृष्ण को पता था की युद्ध में कालयवन को हराना नामुमकिन है। इसलिए भगवान श्री कृष्ण नेयुद्ध से भागने का निर्णय लिया। भगवान को भागता देख जरासंध उन पर हंसने लगा, और उनको रणछोड़बोलने लगा।

भगवानभागते हुए उस गुफ़ा में घुस गए जहां राजा मुचकुंद कईवर्षों से सो रहे थे। राजा मुचकुंद ने देवराज इंद्र की दानवों से युद्ध में सहायता की थी। युद्ध के कारण वो बहुत थक गए थे, इसलिए देवराज इंद्र ने उनको इस गुफ़ा में विश्राम के लिए भेजा और साथ ही वरदान भी दिया को जो भी उनको निंद्रा से जगायेगा वो जलकर खाक हो जायेगा।

भगवान श्री कृष्ण ने अपना पीताम्बर सोते हुए राज मुचकुंद के ऊपर डाल दिया। कालयमन को लगा उस से डर कर श्री कृष्ण मुंह छुपा कर सो रहे है। उस ने राजा मुचकुंद को लात मारकर उठा दिया। राज मुचकुंद की नींद खुलते ही कालयवन जलकर खाक हो गया।

इस घटना के बाद से श्री कृष्ण का नाम रणछोड़ पड़ गया।

जय श्री कृष्णा ||

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