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मूलांक 4

by CKadmin

अंकशास्त्र में अंक 4 का अपना ही एक स्थान है। अंक 4 को राहू ग्रह के साथ जोड़ा जाता है। एक अन्य मत के अनुसार अंक 4 को नकारात्मक सूर्य भी कहा जाता है। राहू एक छाया ग्रह है जिसे ज्योतिष शास्त्र में सूर्यग्रहण का कारण माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के आधार पर राहू एक दैत्य के सिर को दर्शाता है। राहू अधर्म व अनैतिकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक गैरपरंपरावादी ग्रह है। यह घर परिवार व समाज की मर्यादाओं को नहीं मानता। अंक 4 क्रांतिकारी व विरोधी प्रवर्ति का द्योतक है। हालांकि अंक 4 में चतुराई, चालाकी, झूठ, छलावा, शक, शंका, वहम आदि नकारात्मक विचारों की अधिकता है। अंक 4 राजनीति को भी दर्शाता है। किसी माह की 4, 13, 22 अथवा 31 तारीख को जन्में जातकों का मूलांक 4 होता है। मूलांक 4 वाले जातक अंक 4 के प्रभाव के चलते कुशाग्र बुद्धि व तेज दिमाग के धनी होते हैं। ये लोग अपने आस पास पहले से चली आ रही सोच को नहीं मानते व सदैव उसमें बदलाव लाने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। जिस कारण इनके स्वभाव में उग्रता व क्रोध देखने को मिलता है। हालांकि बहुत बार इन्हें इनके इस गुण के कारण एक समाज सुधारक के रूप में भी देखा जाता है। ये हर पहलू पर एक भिन्न दृष्टिकोण रखते हैं जिसे यदि एक सही दिशानिर्देश का साथ मिले तो ये लोग एक अच्छे शोधकर्ता या वैज्ञानिक भी बनते हैं। इन लोगों को यदि एक अच्छे गुरु या परामर्शदाता का साथ मिले तो ये लोग चकित कर देने वाली घटनाओं को अंजाम देते हैं। इनकी जानकारी का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत होता है। मूलांक 4 वालों को समझ पाना व समझा पाना इतना सरल नहीं होता। दाम्पत्य सुख की बात करें तो इनके जीवनसाथी का स्वास्थ्य मन्दा रहता है। बहुत बार अकारण ही अपने शक्की मिज़ाज की वजह से ये अपने रिश्ते में खटास पैदा कर लेते हैं। इनमें भावुकताओं का भी अभाव देखने को मिलता है जो किसी भी रिश्ते के लिए आवश्यक है। हालांकि ये लोग परिस्थितियों के भाव में नहीं बहते, अपनी सूझबूझ से फैंसला लेते है।

मूलांक 4 वाले जातक अंक 4 के शुभ फल प्राप्त करने के लिए निम्न उपाय करें:-

-सरस्वती माँ की आराधना करें।

– नीले व काले रंग का परहेज करें।

-घर के बड़ों व गुरुजनों का सम्मान करें।

-चांदी के पात्र में जल पियें।

-हनुमान चालीसा का पाठ करें।

– शनिदेव जी की स्तुति करें।

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