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मूलांक 5

by CKadmin

अंको की श्रंखला में अंक 5 एक बहुत ही अनूठा अंक है। यह तर्क शक्ति, वाक्पटुता व बुद्धिमानी का प्रतीक है। अंक 5 को बुध ग्रह के साथ जोड़ा जाता है। बुध ग्रह अंक 5 का प्रतिनिधित्व करते हैं।

  किसी महीने की 5, 14 व 23 तारीख को जन्में जातकों का मूलांक 5 होता है। ये लोग अपनी तार्किक शक्ति व बुद्धिमानी के आधार पर प्रायः व्यापार और व्यवसाय में सफलता हासिल करते हैं। ये लोग नौकरी की जगह स्वयं का काम करना पसंद करते हैं। इनकी रुचि वाणिज्य के क्षेत्र में अधिक होती है। इनके दिमाग में सदैव कोई न कोई योजना रूप ले रही होती है। ये लोग बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। मूलांक 5 वाले जातक हिसाब किताब के बहुत पक्के होते है। इन्हें मुख्यतः बैंक, अकाउंटेंट, अर्थशास्त्री, मैनेजर या लेनदेन जैसे पदो पर कार्यरत पाया जाता है। ये लोग हमेशा कुछ नया करने की चाह रखते हैं। ये लोग पढ़ाई व विद्या के क्षेत्र में भी औसतन अच्छा करते हैं। ज्यादातर मूलांक 5 वाले जातक सारी उम्र कुछ न कुछ पढ़ते लिखते रहते हैं। हालाँकि इन लोगों में व्यवहारिक ज्ञान ज्यादा देखने को मिलता है। मूलांक 5 वाले जातकों की तंत्र व गुप्तविद्याओं में भी रुचि होती है।

अंक 5 का संचार व लेखन से भी सम्बन्ध है अतः मूलांक 5 वाले लोग पत्रकारिता आदि के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। मूलांक 5 वाले लोगों में बात करने की एक अदभुत कला होती है जिसके चलते ये लोग दूसरों को बहुत जल्दी अपना बना लेते हैं। अतः इनके दोस्त भी अधिक होते हैं। इनमें हर उम्र के लोगों के साथ बात करने का एक सहज गुण होता है। ये बच्चों में बच्चे व बड़ों में बड़ों की तरह व्यवहार करते हैं। अतः कहा जाए तो ये बहुत ही व्यवहार कुशल होते है। अपने इस गुण बक कारण ये लोगों से अपने काम आसानी से निकलवा लेते हैं। ये जहां जिस परिस्थिति में होते हैं स्वयं को उसी के अनुरूप ढाल लेते हैं। अतः इन लोगों का किसी के साथ जल्दी से वाद विवाद या कोई लड़ाई झगड़ा नहीं होता। ये किसी एक बात पर अटक कर नहीं रहते। किसी बात को ज्यादा गम्भीर होकर नहीं सोचते। आमतौर पर ये लोग हर परिस्थिति में खुश रहते हैं। इनका दाम्पत्य व पारिवारिक जीवन भी सुखमय रहता है। अंक 5 के शुभ फल प्राप्त करने के लिए मूलांक 5 वाले जातक निम्न उपाय करें:- – पक्षियों को हरे मूंग की दाल का दाना डालें। – कन्याओं को भोजन करवाएँ। – माँ दुर्गा की आराधना करें। – गाय को हरा चारा खिलायें। – आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। – वाणी में मधुरता व कोमलता अपनाएं। – पक्षियों को हरे मूंग की दाल का दाना डालें।

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