अंक शास्त्र में अंक तीन को ज्ञान का अंक कहा जाता है। इसकी प्रवर्ति धार्मिक व सात्विक होती है। अंक 3 का प्रतिनिधित्व बृहस्पति देव करते हैं जिन्हें ग्रहों के देवगुरु होने का दर्जा प्राप्त है।अंक 3 बुद्धिमता, प्रतिभा, समझदारी व परिपक्वता का प्रतीक है। यह अंक घर के बड़े बुजुर्गों, दादा-पड़दादा, बड़े भाई, गुरु, अध्यापक आदि को दर्शाता है। किसी माह की 3, 12, 21 व 30 तारीख को जन्में जातकों का मूलांक 3 होता है। मूलांक 3 वाले जातक प्रायः बहुत ही ज्ञानवान व बुद्धिमान होते हैं। ये अपने कार्यक्षेत्र में दक्ष होते हैं। इनके मुखमंडल पर हमेशा एक चमक देखने को मिलती है। ये लोग घर और समाज की परम्पराओं व मर्यादाओं का सम्मान करते हैं। इन्होंने अपने जीवन के कुछ सिद्धांत व दायरे स्थापित कर लिए होते हैं जिनसे ये लोग सदैव जुड़े रहना चाहते हैं। ये लोग अपने अनुभव व बहुमुखी प्रतिभा के चलते एक अच्छे परामर्शदाता के रूप में कार्य करते हैं। इनकी सोच में सकारात्मकता देखने को मिलती है, अतः ये हर स्थिति में संतुलित व्यवहार करते हैं। मूलांक 3 वाले जातक अधिक महत्वाकांक्षी होते हैं। ये समय नियोजन व अनुशासन प्रिय होते हैं। ये अपने आस पास की चीज़ों में सम्पूर्णता को खोजते रहते हैं। जिसके चलते ये लोग दूसरों से भी अनुशासन व हर कार्य में सम्पूर्णता की उम्मीद रखते हैं। इनकी इसी आदत के चलते अपने कार्यक्षेत्र में मूलांक 3 वाले जातकों की किसी से नहीं बनती। हालांकि ये लोग व्यर्थ के वाद विवाद में फंसकर अपना समय खराब नहीं करते। मूलांक 3 वाले जातकों का दाम्पत्य जीवन अच्छा और सफल रहता है। ये अपनी समझदारी से हर परिस्थिति को समय पर व्यवहार संगत निर्णय लेकर संभाल लेते हैं। प्रायः मूलांक 3 वाले शिक्षा व अध्ययन के क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल करते हैं।
मूलांक 3 वाले जातक अंक 3 के शुभ फल प्राप्त करने के लिए निम्न उपाय करें:-
-घर के बड़ों व गुरुजनों का आदर करें।
-पीपल व केले के वृक्ष की सेवा करें।
-भगवान विष्णु की आराधना करें।
-केसर का तिलक लगाएं।
-चने की दाल का मंदिर में दान करें।
-मांस मदिरा का सेवन न करें।